NOW HINDUSTAN. Korba. कुछ दिनों पूर्व निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय अपने दल बल के साथ बालको क्षेत्र के भ्रमण पर पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने चौक पर भारी जाम और अतिक्रमण को देखा । इसके बाद उन्होंने वहां के व्यापारियों को हटाने का निर्देश निगम के कर्मचारियों को दिया । निगम के कर्मचारियों ने आदेश का पालन करते हुए दुकानदारों को नोटिस जारी करते हुए स्थान को खाली करने को कहा । लेकिन जब कोई हटने को तैयार नही हुआ तो बुधवार की सुबह निगम का तोड़ो दस्त अवैध कब्जा को हटाने के लिए परसा भाठा चौक पहुंचा और कार्यवाही शुरू की तो व्यापारियों ने जमकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। और महापौर संजू देवी राजपूत से अतिक्रमण न हटाने की गुहार लगाई । शिकायत के बाद महापौर तत्काल मौके पर पहुच गई ।और कार्यवही रोकने का निर्देश दिया ।
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उन्होंने जब देखा कि निगम के ही कर्मचारी अतिक्रमण को हटाने पहुंचे हैं तो महापौर ने गाड़ी से भी उतरना मुनासिब नहीं समझा और वहीं से निर्देश देकर चली गई । अब लोगों में के मन में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर निगम की कार्रवाई को महापौर ने क्यों रुकवा दिया क्या महापौर और निगम आयुक्त के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है या फिर महापौर को जानकारी ही नहीं दि जा रही है कि निगम का तोड़ू दस्त कहां पर अतिक्रमण हटाने जा रहा है। जहां उन्हें जाना चाहिए या नही । क्योकि अब लोग सवाल कर रहे गई ।
महापौर ने बालको पर ही फोड़ा ठीकरा :-
जब इस संबंध में महापौर संजू देवी राजपूत से जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने सीधे बालको प्रबंधन पर ही आरोप लगा दिया कि बालकों के द्वारा अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है जबकि यह कार्रवाई तो निगम खुद ही कर रही थी क्या कहती है महापौर आप भी खुद सुनिए
मीडिया से यह कहते हुए नज़र आई कि बालकों कंपनी द्वारा मनमानी की जा रही है छत्तीसगढ़ के निवासी वर्षों से यहां व्यापार कर रहे है उनके पेट पर लात मारने का काम करेंगे तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी.! तो क्या अब निगम कार्यवाही नही करेगी और करती है तो क्या होगा ।
वही बालको प्रबंधन से जब अतिक्रमण को लेकर जानकारी ली गई तो जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि बालको प्रबंधन के द्वारा किसी प्रकार की कोई अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है परसाभाठा चौक पर जो कार्रवाई हो रही है वह निगम की करवाई है और निगम के अधिकारी कर रहे हैं इसमें बालको प्रबंधन का कोई लेना-देना नहीं है
*परसाभाटा में अतिक्रमण से हो रही है परेशानी:*
बालको का परसाभाटा बाजार चौक में चारों तरफ छोटे बड़े दुकानें लगी हुई है जिससे सड़कों की चौड़ाई कम हो गई है, बड़े एवं भारी वाहनों का दबाव दिन भर बना रहता हैं,आए दिन इस मार्ग में दुर्घटनाएं होती रहती है बाजार के दिनों में स्थिति और भी गंभीर बनी रहती है. वर्षों पहले बना आजाद चौक आज गुमनाम हो चुका है जिसे अतिक्रमण ने जकड़ रखा है। बालको के लोग भी जाम से आजादी चाहते है ।
_जनता पूछ रही सीधे सवाल..: -_
1. निगम के कार्यवाही आखिर महापौर ने क्यों रुकवाया..?
2. जब कार्यवाही निगम की टिम कर रही थीं तो महापौर ने बालकों को क्यों ठहराया जिम्मेदार..?
3. क्या निगम के अधिकारियों और महापौर में तालमेल की है कमी..?
4. अगर कार्यवाही बालकों करवा रही थीं तो निगम क्यों हटा रही थी दुकानें..?