बिरनपुर हत्याकाण्ड : राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा ने फैलाई साम्प्रदायिक हिंसा की अफवाह- जयसिंह अग्रवाल , कहा- भाजपा के षडयंत्र को आईना दिखाया सीबीआई ने….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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सीबीआई की विवेचना में भी खुलासा : दो बच्चों के झगड़े में विवाद बढ़ा

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 पुलिस ने विवेचना कर दोषियों को पहले ही भेज चुका था जेल, सीबीआई ने जांच में भी पुलिस जांच को सही ठहराय

NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा,विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिरनपुर में दो बच्चों के विवाद में दो परिवार कूद पड़े और ईश्वर साहू (वर्तमान में भाजपा विधायक) के पुत्र भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्रदेश के इस चर्चित बिरनपुर हत्याकांड में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जिसमें उन्होंने किसी तरह का राजनीतिक षडयंत्र का कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई और अब तक पुलिस द्वारा हुई जांच को सही ठहराया गया। पुलिस ने घटना के तुरंत बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था और आरोपियों को जेल भेज दिया गया था।

सीबीआई द्वारा कोर्ट में जो चार्जशीट पेश की गई, उसको लेकर आज पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता लेकर भाजपा पर हमलावर हुए और कहा कि बिरनपुर हत्याकांड साम्प्रदायिक हिंसा नहीं थी, बल्कि दो बच्चों के विवाद में बढ़ी हिंसा थी और उसमें ईश्वर साहू के पुत्र भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। श्री अग्रवाल ने कहा कि घटना चुनाव से ठीक पूर्व की थी और इसे भाजपा ने षडयंत्रपूर्वक घटना को साम्प्रदायिक हिंसा का रूप दे कर चुनावी लाभ लिया, जिसमें वे सफल भी हुई। सीबीआई की चार्जशीट में यह साबित हो गया कि बिरनपुर हत्याकांड साम्प्रदायिक नहीं बल्कि दो बच्चों के विवाद में फैली हिंसा थी।

8 अप्रैल 2023 को हुई थी घटना

बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बिरनपुर में यह घटना गांव में ही बच्चों की मामूली लड़ाई में भयावह रूप ले लिया था और इस विवाद के बाद दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई थी और हिंसा में भुवनेश्वर साहू पिता ईश्वर साहू (वर्तमान विधायक -साजा) की हत्या हो गई थी। घटना 8 अप्रैल 2023 को हुई थी। घटना के बाद यहां भाजपा के लोग पहुंचे और इसे राजनीतिक रंग देना प्रारंभ कर दिया और बच्चों की लड़ाई को साम्प्रदायिक हिंसा का रूप देकर चुनावी लाभ लेने की कोशिश की और उसमें वे सफल हो गए। प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने यहां भड़काऊ भाषण दिया और घटना का साम्प्रदायिक हिंसा का रूप दे दिया। भाजपा ने बिरनपुर में पीड़ित परिवार के घर कई बार गए और सरकार आने पर सीबीआई जांच की बात करते रहे। विधायक बनते ही ईश्वर साहू ने सीबीआई जांच की मांग की और राज्य की भाजपा सरकार ने अनुशंसा की और उसके बाद सीबीआई जांच भी हुई, लेकिन सीबीआई ने भी इसे साम्प्रदायिक नहीं बल्कि दो बच्चों के विवाद में बढ़ी हिंसा बताई।

जयसिंह अग्रवाल ने कहा भाजपा का षडयंत्र सफल हो गया और बिरनपुर हत्याकांड को साम्प्रदायिक हिंसा का रूप देने की अफवाह फैलाई और वे उसमें सफल हो गए। भाजपा जीत गई और अजेय योद्धा रविन्द्र चौबे, ईश्वर साहू से हार गए। जयसिंह ने कहा कि भाजपा का षडयंत्र सार्वजनिक हो गया और भाजपा की कथनी और करनी सामने आ गई। सीबीआई ने इसे दो बच्चों के विवाद में भड़की हिंसा से घटना होना कोर्ट को बताया।

भुवनेश्वर साहू की हत्या के बाद दो और हत्याएं

भुवनेश्वर साहू की हत्या के बाद हिंसा और बढ़ गई और बिरनपुर छावनी में तब्दिल हो गया था। भुवनेश्वर साहू की हत्या के बाद दो और युवकों की हत्या हो गई थी।

हत्याकांड पर जमकर हुई राजनीति:भाजपा का षडयंत्र सफल

बिरनपुर हत्याकांड के बाद तात्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विपक्ष भाजपा ने चुनाव में इसे भुनाने की कोशिश की और इस घटना को साम्प्रदायिक रूप दे दिया और पूरे प्रदेश में इस अफवाह को हवा मिली और भाजपा को बड़ी जीत मिली। तत्समय के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव सहित कई भाजपा नेताओं ने यहां डेरा डाल दिया और घटना को साम्प्रदायिक बताकर चुनाव का बड़ा मुद्दा बना दिया और उसमें वे सफल भी हुए। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। अरूण साव के इस आरोप को जनता ने एकतरफा विश्वास किया और इसका चुनावी लाभ भाजपा को मिली और भाजपा का षडयंत्र सफल हो गया।
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई की चार्जशीट ने स्पष्ट कर दिया कि एजेंसी को अपनी जांच में किसी भी राजनीतिक षडयंत्र का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा ने चुनावी लाभ तो ले लिया लेकिन जनता भाजपा की षडयंत्रकारी नीति से अवगत भी हो गई, कि किस तरह भाजपा चुनाव में जीतने के लिए षडयंत्र रचती है और मामूली विवाद को साम्प्रदायिक हिंसा बना देती है।

घटना के बाद ईश्वर साहू बने विधायक

10 अप्रैल 2023 को बिरनपुर में घटना घटी और बाद में भाजपा ने मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को उम्मीदवार बनाया और वे कांग्रेस के रविन्द्र चौबे को हराकर विधायक बन गए। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि तात्कालीन कांग्रेस सरकार ने ईश्वर साहू को 8 लाख रूपए और एक सदस्य को नौकरी देने की पेशकश की थी, लेकिन भाजपा ने षडयंत्रपूर्वक इसे साम्प्रदायिक हिंसा का रूप देकर ईश्वर साहू को टिकट दिया और ईश्वर साहू विधायक बन गए।
श्री अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता में कहा कि भाजपा का असली चेहरा बेनकाब हो चुका है और जनता भाजपा की करनी और कथनी को समझ चुकी है। जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है, इस बात को जनता को समझना होगा। भाजपा को अपने षडयंत्र पर माफी मांगनी चाहिए।

ननकीराम का होम अरेस्ट लोकतंत्र की हत्या -जयसिंह

एक प्रश्न के जवाब में जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि ननकीराम कंवर प्रदेश के ही नहीं बल्कि पूरे देश में सबसे वरिष्ठतम चौथे नम्बर के आदिवासी नेता हैं और वे किसी मुद्दे को लेकर धरना देते हैं, उन्हें नजरबंद कर दिया जाता है। भाजपा सरकार में जब ऐसे नेता की सुनवाई नहीं हो रही है, तो समझ जाईए…! उन्होंने कहा कि मलगांव में फर्जी मुआवजा वितरण की जांच सीबीआई से करने की मांग ननकीराम ने की है, तो यह होनी चाहिए। जब भाजपा के ही वरिष्ठतम नेता मांग कर रहे हैं तो कोई और विकल्प नहीं बचता। ननकीराम जिन बिन्दुओं को लेकर धरना देने के लिए रायपुर गए थे, इसके पहले ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया, यह लोकतंत्र की हत्या है।

पत्रकारवार्ता में जयसिंह के साथ कांग्रेस जिला अध्यक्षद्वय मनोज चौहान, यादव, राजकिशोर प्रसाद, श्याम सुंदर सोनी, दिलेश्वरी सिदार, कुसुम द्विवेदी, कृपाराम साहू, मुकेश राठौर, बीएन सिंह, सुरेश अग्रवाल सहित अन्य कांग्रेसी उपस्थित थे।

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