NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा शहर के खरमोरा क्षेत्र में लगभग 5 करोड़ की लागत से निर्मित हुआ जीएनएम स्कूल (नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर) जमीन विवाद की वजह से शुरू नहीं हो सका। दूसरी ओर करीब एक दशक से भवन के खाली पड़े होने के कारण वहां से दरवाजे-खिड़की सहित फर्श पर लगे टाईल्स भी उखाड़कर चोरी कर लिए गए।
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इस वजह से बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गई, जो नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गयी। इसकी वजह से स्थानीय लोग अत्यंत परेशान हैं। दूसरी ओर इस दौरान जीएनएम स्कूल व हॉस्टल किराए के भवनों में संचालित होता रहा, जहां अध्ययन सह निवासरत छात्र परेशान होते रहे। 2 साल पहले ही स्कूल व हॉस्टल वर्किंग वूमेन हॉस्टल में एक ही छत के नीचे शिफ्ट हुआ, जिसके बाद थोड़ी राहत मिली। हालांकि अब न्यायालय से जीएनएम स्कूल-हॉस्टल वाले जमीन का विवाद निराकृत हो गया और फैसला प्रशासन के पक्ष में आया है। इसके बाद प्रशासन ने जीएनएम स्कूल-हॉस्टल के बचे हुए कार्यो के साथ रिनोवेशन के लिए डीएमएफ से 4.70 करोड़ रुपए स्वीकृत किया है। नगर निगम को इसके लिए निर्माण एजेंसी बनाया गया है।
जीएनएम स्कूल व हॉस्टल निर्माण की लागत 5 करोड़ रुपए है। खरमोरा के भागवत नगर में जीएनएम स्कूल व इससे लगकर हॉस्टल तैयार किया था। स्कूल और हॉस्टल का निर्माण जिस जमीन पर किया गया है, उसे लेकर लोगों ने निजी जमीन होने का दावा किया था। मामला न्यायालय में गया तो जिम्मेदार विभाग सहित निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने वहां झांकना छोड़ दिया था। इसकी वजह से अब पूरे कमरों के खिड़की-दरवाजे पार हो चुके हैं। रिनोवेशन में लागत के करीब 4.70 करोड़ रुपए खर्च होगा।
कोरबा जिला सीएमएचओ डॉ. एस.एन. केशरी के मुताबिक खरमोरा में निर्मित जीएनएम स्कूल व हॉस्टल की जमीन विवाद के चलते मामला न्यायालय में विचाराधीन थी। इस वजह से भवन हैंडओवर नहीं हो सका था। अब जमीन विवाद निराकृत हो चुका है। अब भवन का शेष कार्य पूरा करने के साथ ही रिनोवेशन कार्य पूरा होगा। जिला प्रशासन द्वारा कार्य के लिए डीएमएफ से फंड स्वीकृत की गई है।