NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा जिले में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले एक निशक्त मजदूर (शारीरिक रूप से कमजोर) को ठेकेदार द्वारा मेहनताना के तौर पर 15 हजार रुपए का बाउंस चेक देने का आरोप लगा हैं। नरेश और उनकी पत्नी को यह चेक दीपावली से पहले मिला था।
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चेक बाउंस होने के बाद उन्हें मजदूरी के बजाय धमकी मिलने का भी आरोप है। पीड़ित दंपत्ति ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार सीजीएमएससी ने लगभग 324 करोड़ रुपए की लागत वाले इस भवन का ठेका कोलकाता की एक शासकीय संस्था को दिया है।
उक्त शासकीय संस्था ने निर्माण कार्य की जिम्मेदारी रांची की एक कंपनी को सौंपी है। इस मुख्य ठेका कंपनी के तहत कई छोटे-बड़े ठेकेदार अलग-अलग क्षेत्रों से मजदूरों को काम पर लगा रहे हैं। इन्हीं मजदूरों में जांजगीर-चांपा जिले के पचौरी सारागांव निवासी भी शामिल हैं। वह एक पैर से नि:शक्त हैं और पिछले छह महीने से अपनी पत्नी के साथ ठेकेदार के पास काम कर रहे थे। वे अपनी शिकायत लेकर सिविल लाइन थाना पहुंचे। उन्होंने बताया कि दीपावली पर्व नजदीक आने पर उन्होंने ठेकेदार से अपनी मजदूरी मांगी थी। ठेकेदार ने घर जाते समय उसको छह हजार रुपए कैश दिए और 9 हजार 7,50 रुपए के दो चेक भी थमाए। जब वह बैंक पहुंचे तो खाते में पर्याप्त रकम नहीं थी, जिससे चेक बाउंस हो गया।
चेक बाउंस होने की जानकारी मिलने पर दंपत्ति ने ठेकेदार से संपर्क किया और उन्हें इसकी सूचना दी। इस पूरे मामले में सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना ने बताया कि घटना स्थल रजगामार चौकी क्षेत्र का बताया जा रहा है। मामले की सूचना संबंधित चौकी को दी जाएगी। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।