गोपालपुर आईटीआई के दरवाज़े पर मौत की पार्किंग — IOCL की नज़रें बंद, प्रशासन की चुप्पी घातक” बढ़ रहा अतिक्रमण…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
5 Min Read

तेल टैंकरों का जमावड़ा बना चोरभट्ठी आईटीआई क्षेत्र का विस्फोटक संकट, प्रशासन मौन, IOCL बेकसूर नहीं बच सकता!

- Advertisement -

NOW HINDUSTAN. Korba.  कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र के चोरभट्ठी स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) टर्मिनल के पास स्थित आईटीआई संस्थान के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा इन दिनों गंभीर खतरे में है।

लगभग 70 से 80 छात्र-छात्राएं प्रतिदिन आईटीआई आते-जाते हैं, लेकिन संस्थान के मुख्य मार्ग पर अवैध रूप से खड़े तेल टैंकरों का जमावड़ा उनके जीवन को जोखिम में डाल रहा है।

आईटीआई शिक्षकों ने बताया कि टैंकर चालकों की तेज रफ्तार, लापरवाही और अभद्रता से किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। कई बार छात्राओं और शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई हैं।

संस्थान के मुख्य द्वार के ठीक सामने टैंकरों की लंबी कतारें न केवल आवागमन रोक रही हैं, बल्कि केंद्रीय विद्यालय और आसपास की बस्तियों के लिए भी खतरनाक स्थिति बना चुकी हैं।

इधर, उसी मार्ग पर एनटीपीसी के राखड़ परिवहन वाहनों की भी भारी आवाजाही है, जिसने पूरे क्षेत्र को धूल, प्रदूषण और शोरगुल के जहरीले मिश्रण में बदल दिया है।

IOCL का गैरजिम्मेदाराना जवाब

जब आईटीआई प्रबंधन ने IOCL से इस मुद्दे पर जवाब मांगा, तो कंपनी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा  “टर्मिनल परिसर के भीतर ही हमारी पार्किंग व्यवस्था है, बाहर खड़े टैंकरों की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।”

IOCL प्रबंधन ने अपने जवाब में कहा कि “तेल टर्मिनल परिसर के भीतर ही अनुबंधित टैंक ट्रकों के लिए पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध है। यदि कोई चालक परिसर के बाहर अवैध रूप से वाहन खड़ा करता है तो उसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी। इस संबंध में सभी टैंकर मालिकों को कई बार सूचित किया जा चुका है। साथ ही सड़क निर्माण या सोलर लाइट जैसे कार्य टर्मिनल परिसर के बाहर नहीं कराए जा सकते।”यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

इस बयान ने लोगों में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। स्थानीय निवासियों ने IOCL के जवाब को “पल्ला झाड़ने वाली कॉर्पोरेट मानसिकता” बताया है। उनका कहना है  “जब टर्मिनल के टैंकर आसपास की सड़कों पर खड़े हैं, तो उनकी जिम्मेदारी IOCL से कैसे खत्म हो सकती है? अगर कल कोई विस्फोट हुआ, तो क्या कंपनी यह कहकर बच जाएगी कि ‘यह टर्मिनल के बाहर हुआ’?”

अतिक्रमण और अवैध गैरेज ने किया रास्ता बंद

नगर पालिका द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे जी की प्रतिमा के पास बनी बाउंड्री वॉल के बगल में कुछ गैरेज संचालकों ने अवैध निर्माण कर मार्ग को पूरी तरह जाम कर दिया है। आईटीआई प्राचार्य का कहना है कि “यदि गैरेज अतिक्रमण हटाकर वैकल्पिक मार्ग दिया जाए, तो छात्रों की परेशानी काफी हद तक खत्म हो सकती है।” आइओसीएल एवं आईटीआई के आसपास हो रहे अतिक्रमण को शीघ्र प्रशासन द्वारा हटाना चाहिए आइओसीएल होने की वजह संवेदनशील है, आईटीआई संस्थान द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर तहसीलदार, थाना प्रभारी, जिला परिवहन अधिकारी और आइओसीएल प्रबंधन को कई बार पत्राचार किया गया पर अब तक कोई समाधान नहीं मिल सका

“हमारे बच्चे खतरे में हैं, IOCL जवाब दे!”

केंद्रीय विद्यालय और आईटीआई दोनों ही शैक्षणिक संस्थानों के अभिभावकों ने प्रशासन और IOCL को जिम्मेदार ठहराने की मांग की है। उनका कहना है “एक तरफ IOCL के तेल टैंकर, दूसरी तरफ एनटीपीसी के राखड़ ट्रक… इनके बीच फंसे हैं हम और हमारे बच्चे।”

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने IOCL को जवाबदेह ठहराते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि 500 मीटर दायरे में टैंकर पार्किंग पर रोक लगाई जाए।

एनटीपीसी और IOCL वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही पर तत्काल नियंत्रण किया जाए।

आईटीआई एवं केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र को “संवेदनशील सुरक्षा क्षेत्र” घोषित कर नियमित निगरानी की व्यवस्था की जाए।

आसपास हो रहे अतिक्रमण हटाकर इनमें रोक लगाई जाए

क्या IOCL जैसी राष्ट्रीय कंपनी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से यूं पल्ला झाड़ सकती है?

क्या जिला प्रशासन तब तक इंतजार करेगा जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए?

यह सवाल अब जनता नहीं, प्रशासन की अंतरात्मा से किया जा रहा है।

Share this Article