NOW HINDUSTAN. Korba. रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंगलवार को भूचाल ला देने वाला आरोप सोशल मीडिया में सामने आया। छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस के अध्यक्ष अमित प्रमोद जोगी ने केंद्र सरकार पर नागरनार इस्पात संयंत्र और बैलाडिला की करोड़ों की खदानों को “कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने” का संगीन आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ निजीकरण नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में जनता के साथ किया गया सबसे बड़ा विश्वासघात है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार अमित जोगी ने दस्तावेज़, सरकारी फाइलें और टाइमलाइन रखते हुए दावा किया कि पूरा मामला योजित, नियंत्रित और छिपा हुआ ऑपरेशन है, जिसमें छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक संपत्तियों को व्यवस्थित तरीके से कमजोर कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।
प्रधानमंत्री के वादे में ‘टूटन’? जोगी का दावा
3 अक्टूबर 2023 — नागरनार की धरती पर प्रधानमंत्री ने कहा था:“यह प्लांट देश की जनता का है… निजीकरण नहीं होगा।”
लेकिन अमित जोगी के अनुसार, 3 अक्टूबर 2025 को NMDC की आधिकारिक रिपोर्ट में लिखा गया: “रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया जारी है। ”जोगी ने इसे सीधे-सीधे “जनता के भरोसे के साथ खेल” बताया
किन संपत्तियों पर ‘नज़र’? जोगी के गंभीर आरोप
अमित जोगी ने दावा किया कि तीन सबसे मूल्यवान संपत्तियों को निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी है: नागरनार स्टील प्लांट — ₹26,000 करोड़, बैलाडिला खदान 4 व 5 — ₹85,000 करोड़ आने वाले वर्षों में हजारों करोड़ का खनिज और निर्यात राजस्व जोगी का आरोप है कि इन सभी संपत्तियों का रास्ता साफ कर “अर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील के लिए लाल कालीन बिछाया जा रहा है।”
11 दिनों में हुआ ‘महासौदा’? जोगी का टाइमलाइन ब्लास्ट
अमित जोगी ने बताया कि 29 अक्टूबर से 9 नवंबर 2025 के बीच सिर्फ 11 दिनों में घटनाओं की चार ऐसी कड़ियाँ जुड़ीं, जिन्हें संयोग नहीं, “पूर्वनियोजित स्क्रिप्ट”कहा जा सकता है।
29 अक्टूबर NMDC ने 90% शेयर निजी कंपनी को बेचने की मंजूरी दी।
1 नवंबर पर्यावरण मंत्रालय ने किरंदुल–अनकापल्ली नई स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी दी।
7 नवंबर इस्पात मंत्रालय ने इसे हरी झंडी दे दी।
9 नवंबर बहु-राज्यीय भूमि अधिग्रहण की गजट अधिसूचना जारी।
छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश — तीनों राज्यों में एक साथ प्रक्रिया शुरू।
जोगी ने कहा “यह इतना तेज़ ऑपरेशन था कि सरकारी फाइलें दौड़ती हुई लग रही थीं।”
सबसे बड़ा आरोप 120 करोड़ का फर्जी कोयला आयात
घोटाले का सबसे विस्फोटक हिस्सा यही था। जोगी का दावा है कि 120 करोड़ का कोयला आयात एक “फर्जी अमेरिकी कंपनी” के नाम पर दिखाया गया , कंपनी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं, कोई कार्यालय नहीं, कोई वेबसाइट, संपर्क या कर्मचारी नहीं, उन्होंने इसे “लेजर को धोखा देने और प्लांट को घाटे में दिखाने की तकनीक” बताया।
चार मांगें सरकार के सामने खुली चुनौती
अमित जोगी की चार मांगें हैं:
1.5 लाख करोड़ की संपूर्ण CBI जांच
निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल बंद
NMDC स्टील के CMD की लिखित सार्वजनिक माफी
नागरनार को स्थायी सार्वजनिक क्षेत्र इकाई घोषित करने का कानून,
जोगी कहते हैं “यह छत्तीसगढ़ की संपत्ति है, किसी एक कॉरपोरेट साम्राज्य की जागीर नहीं।”
15 दिन का अल्टीमेटम — नहीं मानी मांगें तो ‘ऐतिहासिक आंदोलन’
अमित जोगी ने स्पष्ट कहा कि सरकार को सिर्फ 15 दिन का समय दिया जाता है। अगर जवाब नहीं आया या निजीकरण जारी रहा, तो जोगी कांग्रेस पूरे छत्तीसगढ़ में: जन जागरण, धरना, पदयात्रा, विशाल प्रदर्शन की श्रृंखला शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा “यह लड़ाई सिर्फ एक प्लांट की नहीं…यह छत्तीसगढ़ की आत्मा, अस्मिता और हमारे भविष्य की रक्षा की लड़ाई है।”
“नागरनार मेरे पिता अजीत जोगी का सपना” — भावुक हुए अमित जोगी
अमित जोगी ने कहा कि नागरनार इस्पात संयंत्र उनके पिता स्व. अजीत जोगी के सपनों में से एक था। उन्होंने कहा“नागरनार छत्तीसगढ़ की पहचान है,यह बिकेगा नहीं हम यह होने नहीं देंगे।”