गोठान बन रहे हैं आजीविका संवर्धन के केंद्र,ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति हो रही मजबूत…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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कोरबा NOW HINDUSTAN छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के सकारात्मक परिणाम लगातार दिखाई दे रहे हैं। इसी श्रृंखला में जनपद पंचायत कटघोरा के ग्राम पंचायत कोरई के भगवती स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गोठान में 1187 क्विंटल वर्मी खाद बना कर उसे बेचकर 04 लाख 65 हजार 304 रूपए की कमाई की है। जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। वर्मी खाद से लाभ अर्जित कर ग्रामीण महिलाएं खुश हैं। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के दिशा-निर्देशन में जिले में गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए योजना की सतत् समीक्षा की जा रही है तथा सघन दौरा कर योजना के कार्यों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जिसके आशातीत परिणाम फील्ड में देखने को मिल रहे हैं। सीईओ जिला पंचायत श्री नूतन कुमार कंवर ने बताया कि गोधन न्याय योजना से जहां शहरी और ग्रामीण लोगों को गोबर बेचकर आर्थिक लाभ मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर स्व-सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं गुणवत्तापूर्ण जैविक खाद बनाने के बाद उसे बेचकर लाखों रुपए का लाभ अर्जित कर रहीं हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

भगवती स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती सुखमत बाई ने बताया कि उनके समूह की 09 महिला सदस्य गोठान में खरीदे गए गोबर से वर्मी खाद तैयार करती हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी खाद तैयार करने के लिए उन्हें कृषि विभाग से प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके सहयोग से उनके समूह ने अब तक 1262 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया है जिसमें 1187 क्विंटल खाद बनाने के बाद उसे बेचकर 4 लाख 65 हजार 304 रुपए का लाभ कमाया हैं। उन्होंने बताया कि अभी बैंक से 4.27 लाख रुपए निकालकर सभी महिला सदस्यों ने आपस में बांट लिए हैं, शेष राशि बैंक में जमा है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है। इससे ग्रामीणों को स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। जिससे गांव में ही खरीदे गए गोबर से खाद बनाकर और बेचकर आर्थिक लाभ मिल रहा हैं। गाँव में ही स्वरोजगार मिलने से हम महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्न हुई है और उनके जीवन में खुशहाली आई है।

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