कोरबा NOW HINDUSTAN आज डॉक्टर ऐसे ही धरती के भगवान नहीं कहे जाते। महिला की गोद को फिर से भरकर परिवार में खुशियां लेकर आई आयुष्मान क्लीनिक की डॉक्टर ज्योति श्रीवास्तव ने । छोटा परिवार सुखी परिवार का सूत्र वाक्य अपनाते हुए दो संतान के बाद नसबंदी करा चुकी महिला के एक बच्चे की प्राकृतिक आपदा में असामयिक दु:खद मौत हो गई। इस घटना ने परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया तो वहीं दंपत्ति ने संतान की इच्छा जाहिर की। भरोसे की वजह थी रीकैनेलाइज़ेशन ऑपरेशन यानी वो ऑपरेशन जो नसबंदी को पलटने के लिए किया जाता है। जिससे परिवार फिर से अपने घर-आंगन में बच्चों की किलकारियां सुन सकते हैं। सक्ती जिला अंतर्गत ग्राम सकरेली कला निवासी 30 वर्षीय महिला की लगभग 9 वर्ष पूर्व नसबंदी हो चुकी थी। ऐसे में संतान की प्राप्ति का मार्ग अवरुद्ध था। श्रद्धा ( बदला हुआ नाम) बताती है कि उनकी शादी 2010 में हुई थी। उनका पुत्र 8 साल का था। जो घर से खेलने के नाम से निकला था। कुछ देर बाद पता चला कि गांव के तालाब में डूब कर उसकी मौत हो गई। घर में मातम का माहौल बन गया । पीछे रह गई बस एक ख़ामोशी, निराशा और अवसाद । श्रध्दा ने बताया मेरे केवल दो बच्चे थे, जिसमें लड़का बड़ा था और लड़की छोटी ,लड़के की मौत के बाद परिवार वाले फिर से अपने घर-आंगन में बच्चों की किलकारियां सुनना चाहते थे। श्रद्धा ने पहले कई टीवी सीरियल में देखा था कि नसबंदी होने के बाद भी खुल जाती है और बच्चे का शौक पूरा हो जाता है। इसी मकसद को लेकर सक्ती जिले को छोड़ बालको स्थित आयुष्मान हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति श्रीवास्तव से संपर्क कर आवश्यक परामर्श लिया। उन्होंने श्रध्दा को भरोसा दिलाया कि वह फिर से गर्भवती हो सकती है। इस भरोसे की वजह थी रीकैनेलाइज़ेशन ऑपरेशन। श्रद्धा इस ऑपरेशन के बारे में पहले से ही जानती थीं। डॉ. ज्योति श्रीवास्तव व उनकी टीम ने नसबंदी को पलटकर दपत्ति को संतान सुख का मार्ग प्रशस्त किया। महिला ने स्वस्थ शिशु को जनवरी माह में जन्म दिया है। दंपत्ति ने चिकित्सकों की टीम के प्रति आभार जताया है।
डॉक्टर ज्योति श्रीवास्तव ने बताया कि उनसे परामर्श लेने श्रद्धा अपने पति और परिचित के साथ मेरे आयुष्मान क्लीनिक बालको पहुंचे थी। पूरे घटना की जानकारी सुनने के बाद मैने संतान खोने का उनका यह दर्द को महसूस किया। चिकित्सा विज्ञान जो संभव है उसकी पूरी जानकारी दंपत्ति को विस्तार से दी उन्होंने भी धैर्य से मेरी बातो को सुना और समझा और उसके बाद मैने टीटमेंट चालू किया और संतान की प्राप्ति करवाई।