मौन रहकर ईश्वर की जाती है साधना, इसलिए इसे मौनी अमावस्या या माघी अमावश्या कहा जाता है …

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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कोरबा NOW HINDUSTAN हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। ज्योतिष के अनुसार हिंदी महीने के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली पंद्रहवी तिथि को अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या का तब और भी ज्यादा महत्व बढ़ जाता है जब यह जप-तप के लिए अत्यंत ही फलदायी माघ में पड़ती है। हिंदू धर्म में माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या फिर माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मौनी अमावस्या का पर्व इस साल 21 जनवरी 2023 को पड़ने जा रहा है।

क्यों कहते हैं मौनी अमावस्या

हिंदू धर्म में प्रत्येक मास में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। माघ मास की अमावस्या जिस मौनी अमावस्या कहते हैं, उसके पीछे मान्यता है कि इसी पावन तिथि पर मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाने लगा। हालांकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मौन रहकर ईश्वर की साधना की जाती है, इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में स्नान-दान और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत ही पुण्यदायी मानी जाने वाली माघ मास की अमावस्या तिथि इस साल 21 जनवरी 2023, शनिवार को प्रात:काल 06:17 बजे प्रारंभ होकर 22 जनवरी 2023, रविवार को पूर्वाह्न 02:22 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि की मान्यता को देखते हुए इस साल 21 जनवरी 2023 को ही मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा और लोग पूरे दिन इसकी पूजा, जप-तप और दान आदि का पुण्यफल प्राप्त कर सकेंगे।

मौनी अमावस्या की पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान करने का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व बताया गया है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति गंगा स्नान करता है तो उसके जीवन से जुड़े सभी दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही साथ इस दिन यदि कोई व्यक्ति अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा मौन होकर करता है तो उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है। सनातन परंपरा में अमावस्या के दिन पितरों के लिए पूजा करने का भी बहुत ज्यादा महत्व है। ऐसे में अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद पाने और उनकी मुक्ति के लिए विशेष रूप से पूजा, तर्पण आदि करना चाहिए।

मौनी अमावस्या का महाउपाय

इस साल मौनी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसका और भी ज्यादा महत्व बढ़ गया है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में शनि संबंधी कोई दोष कष्टों का कारण बन रहा हो, उसे इस दिन विशेष रूप से शनि संबंधी पूजा के उपाय करने चाहिए। शनि दोष को दूर करने के लिए मौनी अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं। मौनी अमावस्या का पुण्यफल पाने के लिए जरूरतमंद लोगों को काले जूते, काले कपड़े, काला कंबल, काला तिल और उससे बनी मिठाई, आदि का दान करें और यदि संभव हो तो पूरे दिन मौन व्रत रखें।

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