कोरबा NOW HINDUSTAN जनपद पंचायत कोरबा लगातार विवादों के साए में गिरा हुआ है पहले राजगामार ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष व पंचों ने सरपंच और सचिव के खिलाफ कोरबा कलेक्टर से शिकायत कर जांच की मांग की थी। जैसे ही जांच की शुरुआत होती है वैसे ही जनपद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कोरबा कलेक्टर को सौंपा जाता है जिसमें जनपद पंचायत कोरबा के अधिकांश सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। कोरबा कोरबा कलेक्टर ने 9 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तिथि तय कर दी अविश्वास प्रस्ताव के सामने आते ही जनपद उपाध्यक्ष ने सीईओ जनपद के खिलाफ शिकायत की कि उनके द्वारा शासकिय राशि को अपने खाते में रखा गया । शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ मामले की जांच शुरू करते हैं वही जनपद सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ ही शिकायत कर दी। इससे साफ पता चलता है कि कहीं ना कहीं जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला तो है जो सामने नहीं आ रहा है
वही रविवार को जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र क्रमांक 20 गोडमा जनपद सदस्य मोनिका अरविंद भगत ने एक पत्र जारी कर कहा कि जनपद पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष कौशल्या वैष्णव के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उसमें उसका हस्ताक्षर फर्जी है मोनिका भगत ने कहा है कि पूर्व में उनके द्वारा किए गए हस्ताक्षर को फर्जी तरीके से इस पत्र में सलंग्न किया गया है और जो भी लोगों ने ऐसा कृत्य किया है उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने किसी भी प्रकार से अविश्वास प्रस्ताव के लिए कोई हस्ताक्षर नहीं किया है । मोनिका अरविंद भगत ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें कुछ दिनों पूर्व ही प्राप्त हुई है 30 जनवरी को न्यायालय के अधिकारी द्वारा उन्हें एक पत्र दिया गया । मोनिका अरविंद भगत ने बताया कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि उपाध्यक्ष कौशल्या बाई वैष्णव के खिलाफ में कई और सदस्यों ने भी हस्ताक्षर नहीं किया है उनका हस्त्ताक्षर भी फर्जी हो सकता है। मोनिका अरविंद भगत के इस पत्र के सामने आने के बाद और कितने पत्र सामने आएंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन 9 फरवरी को जो अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान कराना है उस पर सवाल तो जरूर खड़ा हो गया है इस एक बात तो साफ जाहिर होती है कि जनपद पंचायत कोरबा पूरी तरह से भ्रष्टाचार का आखाड़ा बन चुका है अपने लाभ के लिए यहां कुछ भी किया जा सकता है अब इंतजार है कि पत्र के सामने आने के बाद कोरबा कलेक्टर क्या निर्णय लेते हैं