महाशिवरात्रि के दिन आयोजित होगा साहित्य समारोह , डॉ संजय अलंग को प्रदान किया जाएगा सूत्र सम्मान..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
3 Min Read

कोरबा 17 फरवरी NOW HINDUSTAN बिलासपुर के संभाग आयुक्त डॉ संजय अलंग को वर्ष 2022 के सूत्र सम्मान प्रदान करने की घोषणा की गई थी। यह सम्मान उनके तीसरे कविता संग्रह – नदी उसी तरह सुंदर थी जैसे कोई बाघ – के लिए दिया जाएगा।
यह सम्मान उन्हें संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में महाशिवरात्रि के दिन आयोजित साहित्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह छब्बीसवाँ सूत्र सम्मान होगा। इनके पूर्व यह सम्मान एकांत श्रीवास्तव, अग्निशेखर, रेखा चमोली आदि लोगों को दिया जा चुका है। इस साहित्य समारोह में सम्मान कार्यक्रम में अलंकरण के अतिरिक्त डॉ संजय अलंग की कविताओं पर विद्वानों के वक्तव्य, उनकी कविताओं पर चित्र प्रदर्शनी, डॉ अलंग की कविताओं पर नाट्य मंचन, कविता पाठ आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सूत्र सम्मान साहित्यकार ठा. पूरन सिंह की स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस समिति के संयोजक और अध्यक्ष श्री विजय सिंह ने बताया कि, इस वर्ष सूत्र सम्मान अलंकरण के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर मण्डलोई दिल्ली होंगे और अध्यक्षता प्रख्यात आलोचक और संस्कृति कर्मी राजाराम भादू राजस्थान करेंगे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रताप राव कदम खण्डवा, जय प्रकाश राजनांदगाँव, त्रिलोक माहावर बस्तर, सुभाष मिश्र रायपुर और राम कुमार तिवारी बिलासपुर रहेंगें। डॉ अलंग की कविताओं पर शरद कोकास दुर्ग, रजत कृष्ण बागबाहरा और अजय चंद्रवंशी कवर्धा वक्तव्य देंगे।


डॉ अलंग की कविताओं पर एकाग्र काव्य नाट्य मंच होगा। इसका निर्देशन प्रसिद्ध लोक नाटककार हबीब तनवीर के शिष्य शैलेंद्र मणि कुशवाह रीवा करेंगे। इस मंचन में प्रख्यात रंग कर्मी नगीन तनवीर भी हिस्सा होंगी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सतीश जायसवाल बिलासपुर, अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त रायपुर और विशिष्ट अतिथि नासिर अहमद सिकंदर भिलाई होंगे।
इस अवसर पर उपस्थित कवियों का कविता पाठ होगा। इसमें सरगुजा अंचल के कोरिया क्षेत्र के बैकुण्ठपुर और मनेंद्रगढ़ को विशेष प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार विरेंद्र कु. श्रीवास्तव, अनामिका चक्रवर्ती, योगेश गुप्ता, सारिका श्रीवास्तव, पुष्कर तिवारी, नेसार नाज, रूद्र नारायण मिश्र आदि प्रतिभागी होंगें।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में साहित्यकार, रंगकर्मी, चित्रकार, संस्कृतिकर्मी और सुधिजन भाग लेंगे। कार्यक्रम संचालन आमोद श्रीवास्तव राजनांदगाँव और प्रखर सिंह जगदलपुर करेंगे। इस वर्ष पुरस्कार से सम्मानित होने वाले डॉ अलंग की तीन कविता संग्रह – शव, पगडंडी छिप गई थी और नदी उसी तरह सुंदर थी जैसे कोई बाघ – प्रकाशित हैं। उनकी छत्तीसगढ़ इतिहास और संस्कृति पर दस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनके इतिहास शोध को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त है। उनकी कविताओं को दिनकर स्मृति और श्रीकांत वर्मा स्मृति सम्मान भी मिल चुके हैं।

Share this Article

You cannot copy content of this page