बालको ने किया 21 सामुदायिक जल संरचनाओं का नवीनीकरण, BALCO restores 21 community water structures in FY 2023

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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कोरबा/बालकोनगर, 1 अप्रैल NOW HINDUSTAN वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने वित्तीय वर्ष 2023 में अपने आसपास के गांवों के 21 सामुदायिक जल संरचनाओं का नवीनीकरण कर स्थायी जल प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह कंपनी के सामुदायिक विकास परियोजना ‘मोर जल मोर माटी’ के अंतर्गत संपन्न हुआ जिसका उद्देश्य सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने, फसल उत्पादन में वृद्धि, किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराने के साथ जल और मृदा प्रबंधन को उत्कृष्ट बनाना है।

‘जल प्रबंधन’ प्रबंधन के साथ परियोजना का मुख्य घटक कृषि, जल प्रबंधन, पशुपालन, मत्स्य पालन, बाड़बंदी, वनोपज एवं वन संरक्षण और लाख की खेती शामिल है। कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए बालको की प्रतिबद्धता के अनुरूप बोरवेल (सौर संचालित), कुआं, तालाब, चेक डेम का निर्माण एवं नवीनीकरण के माध्यम से सुरक्षित सिंचाई को सुनिश्चित कर, बिजली और डीजल पंपों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली और सौर संचालित पंपों को बढ़ावा देकर किसानों को जल प्रबंधन पालन के प्रति जागरूक और कृषि प्रणाली के प्रति संवेदनशील बनाया है।
बालको द्वारा जल प्रबंधन को सदैव ही सर्वोपरी स्थान देने पर बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि ‘पानी एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है जिसे हम अपने स्थानीय समुदायों और जैव विविधता के साथ साझा करते हैं‘ इसलिए स्थानीय समुदाय के साथ काम करके क्षेत्र में जल प्रबंधन एवं उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रिचार्ज जल संरचनाओं से क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बालको सतत विकास के लिए पानी के कुशल उपयोग को प्राथमिकता देने तथा कम पानी की खपत वाली तकनीकों की खोज कर पानी के फुटप्रिंट को कम करने के तरीके खोजता है।
बालको ने बीते दशक में 1.25 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक की कुल क्षमता वाली 151 से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया जिससे वर्ष में एक से अधिक फसल के पैदावार होने से लगभग 32 से अधिक पड़ोसी गांव लाभान्वित हुए हैं। इन संरचनाओं ने मिट्टी की नमी को बढ़ाने और भूजल स्तर को बनाए रखने में भी योगदान दिया है जिससे क्षेत्र में कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2030 तक नेट वाटर पॉजिटिविटी को हासिल करना है।
वर्तमान में मोर जल मोर माटी परियोजना 32 गांवों में 1400 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 2400 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। इस परियोजना के तहत 70% से अधिक किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है जिसमें सिस्टमेटिक राइस इंटेंसीफिकेशन (एसआरआई), ट्रेलिस, जैविक खेती, जलवायु अनुकूल फसल, सब्जी और गेहूं की खेती आदि जैसी आजीविका बढ़ाने वाली गतिविधियों में लगे हुए हैं। लगभग 15% किसान आजीविका के लिए कृषि से साथ पशुपालन, बागवानी और वनोपज जैसी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। किसानों के औसत वार्षिक आय में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि और लागत में प्रतिशत की कमी आई है।

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