पाली थाना क्षेत्र की एक नाबालिक पीड़िता से कथित गैंगरेप के मामले में सही तथ्य…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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कोरबा NOW HINDUSTAN आवेदिका के भाई और पिता के खिलाफ धारा 307 में एफआईआर की कार्यवाही आवेदिका के आवेदन देने से 1 वर्ष से अधिक समय पहले हो चुका है। ना कि आवेदिका के द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करवाने के बाद किया गया है। आवेदिका के पिता व भाई के खिलाफ 26 अप्रैल 2022 को पाली थाने में अपराध क्रमांक 108/2022 धारा 323,294,506 का मामला दर्ज किया गया था जिसमें विवेचना उपरांत धारा 307 जोड़कर पिछले वर्ष ही जेल भेज दिया गया था। जबकि उक्त आवेदिका ने इस वर्ष 10 मई 2023 को पाली थाने में लोकल शिकायत दी है। जिससे कि स्पष्ट है कि पीड़िता के पिता व भाई पर शिकायत लेकर पहुंचने पर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है। अपितु उससे एक साल से भी अधिक समय पहले अपराध दर्ज हो चुका है।

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शिकायत के बाद आवेदिका का महिला सेल के महिला पुलिस अधिकारी द्वारा बयान लेने पर उसने अपने लिखित बयान में बताया है कि उसके पिता अपने खिलाफ 307 का अपराध दर्ज करवाने वाले लोगों से बदला लेना चाहते हैं। इसलिए जेल से छूटने के बाद उसे बार-बार पाली थाना चलने और 354 तथा 376 का झूठा रिपोर्ट लिखवाने के लिए दबाव बनाते हैं। झूठी रिपोर्ट नहीं करने पर मारपीट करते हैं और खुद ही रिपोर्ट लिखवा देने की धमकी देते हैं। आवेदिका ने अपने पिता के द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात महिला पुलिस अधिकारी के समक्ष दिए गए बयान में कही है। आवेदिका के बयान का वीडियो भी उपलब्ध है। पुलिस अधीक्षक महोदय आम जनता की शिकायतें सुनने प्रत्येक कार्यालयीन दिवस में कार्यालय में उपलब्ध रहते हैं। इसके अलावा फोन में भी आम जनता उन्हें अपनी समस्याएं बता सकती हैं। महिला सुरक्षा के प्रति कोरबा पुलिस कृत संकल्पित है।

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