NOW HINDUSTAN. Korba ऊर्जा व कोयला क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों ने अपने कामकाज में बड़ा बदलाव किया है। देश में पावर सेक्टर की बड़ी कंपनी एनटीपीसी जहां अब कोयला उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, तो वहीं कोयला उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया ने बिजली उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा अपने सार्वजनिक उपक्रमों के वर्षों से चले आ रहे व्यवसाय में विविधीकरण किए जाने के परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
कुछ सालों पहले तक यह कल्पना नहीं की जाती थी कि कभी एनटीपीसी कोयला, तो कोल इंडिया पावर सेक्टर के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं लेकिन ऊर्जा क्षेत्र की दोनों दिग्गज कंपनियां एनटीपीसी व एसईसीएल द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्र में विस्तार किए जाने से ऊर्जा क्षेत्र को एक नई मजबूती मिलने के संकेत हैं। कोयला क्षेत्र में प्रवेश के मात्र 7 वर्ष में ही एनटीपीसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 34.38 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एनटीपीसी का लक्ष्य अगले 3 वर्ष में ही 100 मिलियन टन सालाना उत्पादन का है। वहीं दूसरी ओर कोल इंडिया देश के अलग-अलग राज्यों में पावर प्लांट स्थापित करने जा रहा है, जिसमें से कुछ वहां की राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उपक्रम के रूप में है। वहीं उसके अपने स्वतंत्र पावर प्लांट अनुषांगिक कंपनियों के माध्यम से लगा रहा है
एनटीपीसी के एक अधिकारी ने बताया की साल 2014 के बाद औद्योगिक व आर्थिक क्षेत्र में सुधार के कार्यक्रम लागू किए गए। इसके तहत कोयला मंत्रालय व ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी सार्वजनिक उपक्रम कोल इंडिया व एनटीपीसी को व्यावसायिक विविधीकरण करते हुए नए क्षेत्र में उतरने का रास्ता तैयार किया।