नौतपा आज से नौ दिनों तक तपेगी पृथ्वी……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN गर्मी धीरे-धीरे अपना प्रचंड रूप धारण कर रही है। आज से 9 दिन तक तापमान सबसे अधिक होगा और इस अवधि को ज्‍योतिष शास्त्र में नौतपा कहा जाता है। इस अवधि में सूर्य व पृथ्‍वी के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी ।

मां शारदा देवीधाम मैहर के वास्तु एवं ज्योतिर्विद पंडित मोहनलाल द्विवेदी ने बताया कि सूर्य 25 मई को सुबह को 07 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जो अगले 15 दिनों तक रोहणी नक्षत्र में भ्रमण करेंगे। ग्रहराज सूर्य के रोहणी नक्षत्र के भ्रमण के शुरुआत के नौ दिन को ज्योतिष शास्त्र में नौतपा कहा जाता है और इन्ही नौ दिनों में सूर्य की सीधी किरने पृथ्वी पर पड़ने से भीषण गर्मी होती है ।

पंडित द्विवेदी ने बताया कि ग्रहराज सूर्य के रोहणी नक्षत्र में भ्रमण काल में चावल इत्यादि सभी प्रकार के अनाज अलसी, सरसो, गुड, खांड, सुपारी, रुई, सूत, सन के भाव में तेजी आएगी चौपाई तथा जलचरो में कोई रोग फैलेगा । पूर्व से अस्त चल रहे देवगुरु बृहस्पति 03 जून को प्रातः 07 बजे पूर्व दिशा में उदित होगे किंतु दैत्यगुरु शुक्राचार्य अभी अस्त ही रहेंगे इसलिए विवाह आदि सुभ कार्यों के लिए मुहूर्त नही प्राप्त हो सकेगे । इस पक्ष में नवमी तिथि का क्षय है जिससे यह पक्ष 14 दिनों का होगा । कृष्ण पक्ष में तिथि का क्षय होना शुभफल कारी माना जाता है । गर्मी अवश्य खूब पड़ेगी । 03 जून के आसपास आंधी पानी के साथ वर्षा होने के योग प्राप्त हो रहे है ।

नौतपा में करें सूर्य देव की उपासना

नौतपा के दौरान सूर्यदेव अपनी प्रचंड मुद्रा में होते हैं इसलिए इस वक्त सभी को सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से परिवार के सभी लोग इस भीषण गर्मी के दौरान भी स्‍वस्‍थ रहते हैं। सूर्य की पूजा से जुड़े उपाय करने से आपको लाभ होता है और सुख समृद्धि बढ़ती है। इस दौरान जल, दही, दूध, नारियल पानी और ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए और साथ ही इन वस्‍तुओं का दान भी करना चाहिए।

हर वर्ष गर्मी के मौसम में 9 दिनों तक गर्मी अपने चरम पर रहती है, जिसे नौतपा कहा जाता है. इन 9 दिनों का धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व बताया गया है. इस दौरान अगर विधि विधान से सूर्य देव की पूजा की जाए तो न सिर्फ आपको इसका शुभ फल प्राप्त होता है, बल्कि ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. मान्यता है कि नौतपा में सूर्य की किरणें बहुत तेज होती हैं, जो जनमानस को अपनी तपन से बेहाल कर देती है. इस दौरान सूर्य देव को नियम के अनुसार जल चढ़ाएं तो ये घर के बरकत और खुशहाली में बढ़ोत्तरी होती है.

नौतपा में करें दान

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में आ रही हर समस्या से आपको छुटकारा मिल जाए और आपको करियर में तरक्की प्राप्त हो तो नौतपा में जरूरतमंद लोगों को कपड़े, जूते-चप्पल, पानी और खाने की चीजों का दान करें.

सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि

-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें.

-ध्यान रहे कि जल चढ़ाने के लिए तांबे के कलश का ही इस्तेमाल करें, जिसमें लाल फूल, अक्षत, गुड़, रोली जरूर मिलाएं.

-जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की तरफ अपना मुंह रखें फिर जल अर्पित करें.

-सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए सबसे से उत्तम समय सूर्योदय होता है. इस वक्त जल अर्पित करें.

-जल चढ़ाते वक्त सूर्य देव के मंत्रों या गायत्री मंत्र का जाप करें. इस दौरान ध्यान रहे कि उच्चारण सही हो.

-जब आप जल अर्पित कर रहें, होंगे उस वक्त जूते-चप्पल बिल्कुल धारण न करें और एक पैर ऊपर उठा कर ही सूर्य देव को अर्घ्य दें.

-सच्चे मन से सूर्य देव से प्रार्थना करें और अगर पूजा में कोई भूल हो गई हो तो भूलचूक की क्षमा भी मांगें.

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