ज्येष्ठ (जेठ) मास में कैसा रहे खान-पान, कैसी रहे दिनचर्या इस विषय पर आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने दी जानकरी …..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba हिंदी मासानुसार ज्येष्ठ माह का आरंभ 24 मई 2024 शुक्रवार से हो गया है। जो 21 जून 2024 शुक्रवार तक रहेगा। आयुर्वेद अनुसार प्रत्येक माह में विशेष तरह के खान-पान का वर्णन किया गया है जिसे अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। इसी विषय पर छत्तीसगढ़ प्रांत के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ी वैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया की भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी ऋतुनुसार आहार-विहार करने की परंपरा रही है। यह संस्कार हमें विरासत में मिला है। अभी ज्येष्ठ (जेठ) मास का आरम्भ 24 मई से हो चुका है जो 21 जून 2024 शुक्रवार तक रहेगा। इस अंतराल में हमें अपने आहार-विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। ज्येष्ठ (जेठ) माह में सूर्य अत्यधिक गर्म रहता है जो अपनी किरणों से धरती की शीतलता को सोख लेता है। जिसके कारण जल का स्तर गिरने लगता है। अतः हमे जल संरक्षण के उपाय करने के साथ-साथ अपने शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिये शीतल जल (मटके अथवा सुराही का) का पर्याप्त मात्रा मे सेवन करना चाहिये।

ज्येष्ठ (जेठ) मास मे हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। ऐसे में इस माह में अत्यधिक गरिष्ठ, मसालेदार भोजन और लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिये। इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही ज्येष्ठ मास में बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिये, इससे स्वास्थ पर दुष्प्रभाव पड़ने के साथ गंभीर वात रोग की होने की संभावना बनती है। ज्येष्ठ (जेठ) माह में सुबह का पहला भोजन जल्दी लेना चाहिये। ज्येष्ठ (जेठ) मास मे मधुर रस युक्त भोज्य पदार्थ एवं बेल का सेवन अत्यधिक लाभकारी है। साथ-साथ नारीयल, सत्तु, तरल आहार, छाछ, आम का पना, रसदार फलों और जूस का सेवन उचित माना गया है। ज्येष्ठ (जेठ) मास में दिन बड़े होने के कारण रात्रि भोजन से भी बचना चाहिए। सूर्याेदय से सूर्यास्त के मध्य भोजन कर लेना चाहिये। ज्येष्ठ (जेठ) माह में भोजन के विषय में महाभारत में कहा गया है कि

“ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।”
अर्थात- ज्येष्ठ मास में दिन में एक ही समय भोजन करना चाहिये इससे व्यक्ति निरोगी रहता है और धनवान बन जाता है।

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