एनटीपीसी की साहित्यकार आशा देशमुख की रचनाएं स्नातक पाठ्यक्रम में की गयी शामिल….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN कोरबा जिले में एनटीपीसी की कवियत्री छंदकार आशा देशमुख की रचनाएं कर्नाटक राज्य के अक्कमहादेवी विश्वविद्यालय विजयपुरा के स्नातक कोर्स बीएससी, बीएचएससी, बीएफटी, बीसीए पाठ्यपुस्तक में अनिवार्य विषय में सम्मिलित किया गया है। कर्नाटक राज्य अक्कमहादेवी महिला विश्वविद्यालय से 100 से भी अधिक महाविद्यालय संबद्ध है, जहां हिंदी को अनिवार्य विषय में शामिल किया गया है। शिक्षा विभाग कर्नाटक शासन व विश्वविद्यालय की सहमति के उपरांत आशा देशमुख की तीन कृतियां प्रकृति का उपहार, स्वस्थ तन स्वस्थ भोजन तथा एक आव्हान व कर्म देश के प्रति को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

आशा देशमुख ने छंदबद्ध पुस्तक छंद चंदैनी व रावण रचित शिव तांडव स्रोत का छत्तीसगढ़ी में भावानुवाद कर साहित्य जगत में काफी प्रसिद्धि हासिल की थी। हिंदी व छत्तीसगढ़ी में सतत् साहित्य साधना करने वाली आशा देशमुख समय-समय पर आकाशवाणी व दूरदर्शन में प्रकृति व सामाजिक विषयों पर अपनी कविताओं के माध्यम से प्रस्तुति देती रहती हैं। इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ के 9 साहित्यकारों की रचनाएं भी इन पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है जिनमें से अधिकांश अरुणकुमार निगम द्वारा संचालित आनलाइन गुरुकुल के साधक गण हैं।

अरुण कुमार निगम सहित चोवाराम वर्मा, सूर्यकांत गुप्ता, दिलीप कुमार वर्मा, जितेंद्र कुमार वर्मा, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर की रचनाओं को स्थान मिला है। सरला शर्मा छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध साहित्यकार जिनकी लेखनी में साक्षात मां वाणी विराजमान रहती हैं, उनकी रचनाएं भी इस पाठ्यपुस्तक में गरिमा प्रदान कर रही है।

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