जंगली जानवरों के दहशत के साए में हो रही पुलिसिंग, 7 साल बाद भी नहीं बन पायी श्यांग थाना की बाउंड्रीवाल……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN.  कोरबा जिले के श्यांग थाने में ऐसी अजीबोगरीब स्थिति है। रात को तो दूर, दिन में भी पुलिसकर्मियों में खौफ का माहौल रहता है। जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच स्थित श्यांग थाना है। जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ पुलिस के अधिकारी/कर्मचारी खौफ में रहते हैं। इन्हे अपराधियों का नहीं, बल्कि जंगली जानवरों का खौफ रहता हैं। पुलिस स्टेशन के शुरुआत होने के 7 साल बाद भी बाउंड्रीवाल नहीं बनाया गया। हाथी, भालू और अन्य जानवर परिसर तक पहुंच जाते हैं। ग्राम श्यांग सहित 27 ग्राम इस थाने के अतंर्गत आते हैं। इस इलाके में आज भी विकास की गाड़ी नहीं पहुंच पाई है। जिसका सीधा असर इस थाने में दिखता है। कच्ची सड़क, वायरलेस नेटवर्क का अभाव और पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ये पुलिसकर्मी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ग्राम पर आश्रित हैं। ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा कैसे होगी, ये बड़ा सवाल है।

यहां रात्रि गश्त नहीं खतरे से खाली नहीं

उक्त थाने में 8 सिपाही, दो हेडकॉस्टेबल और थाना प्रभारी की तैनाती है। इलाके में क्राइम रेट कम है। मगर जंगली जानवरों का ऐसा खौफ है कि रात को गश्त करना चुनौती भरा है। बावजूद इसके जान की परवाह किए बगैर पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे है। रात में गश्त करना खतरे से खाली नहीं है।

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