कोरबा-राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक जिला स्तरीय बाल वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रोजेक्ट कार्यशाला प्राचार्य एच आर निराला के निर्देश पर स्वस्थ कल्याण के लिए पारितंत्र को समझना वीरेन्द्र कुमार बंजारे ब्यख्याता जीवविज्ञान के मार्गदर्शन में बाल वैज्ञानिक ग्रुप लीडर अल्का कंवर सहयोगी अर्चना कंवर शीर्षक ग्रामीण भारत गौठान गौशाला की परिकल्पना एवं जैविक खेती की आवश्यकता के लिए चिंतन समस्याओं एवम भविष्य की कार्ययोजना तैयार कर
गोठान में चारा उगाने, वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद निर्माण, पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम आदि किए जाएंगे। सोलर पंप से पानी, चरवाहों के लिए घर एवं अन्य कई सुविधा इस गोठान में उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना योजना एक दूरगामी सोच का परिणाम है। इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्य को पूर्णतः जैविक खेती करने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद भी उपलब्ध होगी। इससे किसानों के जेब में पड़ने वाले रासायनिक खादों का बोझ भी कम होगा। बहुत बड़े पैमाने पर मृदा सुधार कार्यक्रम भी शुरू होगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कई गांवों के लिए वरदान साबित होगा। किसान जैविक खेती कर सकेंगे। किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। दूसरा प्रोजेक्ट शीर्षक दूषित जल से मानव जीवन पर दुष्प्रभाव रिसर्चर चैतमा परिछेत्र मार्गदर्शन शिक्षक जीवविज्ञान वीरेंद्र कुमार बंजारे ग्रुप लीडर यवन्तिका देवांगन सहयोगी नीता श्रीवास, रितिका प्रजापति, मनीषा नागदेव ने भूमिगत जल, कुँवा, नदी नालों, तालाबो के जल का परीक्षण किया तो पाया कि बहुत सारे हानिकारक
जीवनकाल में फ्लोराइड के अत्यधिक सेवन के कारण वयस्कों की हड्डियां टूटने लगती हैं और उन्हें दर्द और थकावट का अहसास हो सकता है। आठ साल तक के बच्चे अगर फ्लोराइड का अत्यधिक सेवन करें तो उनके दाँत बदरंग हो सकते हैं और उन पर गड्ढे हो सकते हैं।
यहाँ फ्लोराइड के तमाम स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रभावों का जिक्र नहीं है, यह सिर्फ आमलोगों को सूचित करने का प्रयास है कि फ्लोराइड युक्त पानी पीने का सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।जिला स्तरीय बाल वैज्ञानिक कार्यशाला में सहभागिता निभाई।