वेदांता की 3डी रणनीति: डिमर्जर, डायवर्सिफिकेशन और डी-लीवरेजिंग से कंपनी को दोगुना करने का लक्ष्य…..

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba. वेदांता लिमिटेड ने अपनी 60वीं वार्षिक आमसभा के दौरान कंपनी को दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना का खुलासा किया है। चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया कि यह रणनीति तीन प्रमुख स्तंभों—डिमर्जर, डायवर्सिफिकेशन और डी-लीवरेजिंग—पर आधारित है।

डिमर्जर– हर व्यवसाय को स्वतंत्र पहचानवेदांता अपनी कुछ प्रमुख इकाइयों को अलग-अलग कंपनियों में विभाजित कर रही है। अग्रवाल के अनुसार, हर डिवीजन में $100 बिलियन (₹8.35 लाख करोड़) तक की वैल्यू बनने की क्षमता है। 99.5% से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रक्रिया पूरी होने पर निवेशकों को चार नई कंपनियों में शेयर मिलेंगे।

डायवर्सिफिकेशन: नए क्षेत्रों में बढ़ाएंगे निवेशकंपनी अब पारंपरिक धातु और खनिज कारोबार के अलावा रेअर अर्थ, ऊर्जा बदलाव में उपयोगी धातुएं, बिजली, ऊर्जा, और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश करेगी। इसके तहत 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

डी-लीवरेजिंग: कर्ज घटाकर बढ़ेगी वित्तीय मजबूतीभविष्य की योजनाओं और निवेश को मजबूती देने के लिए वेदांता अब अपनी ऋण-स्थिति को कम करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इससे कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होगी और विकास की रफ्तार तेज़ होगी।—भारत के विकास लक्ष्यों से जुड़ी पहलेंवेदांता की रणनीति भारत की आर्थिक और ऊर्जा जरूरतों के साथ गहराई से जुड़ी है। कंपनी देश का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और सबसे बड़ा एल्युमिनियम पार्क स्थापित कर रही है, जिससे हजारों MSMEs को प्रोत्साहन मिलेगा और लाखों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

प्राकृतिक संसाधनों पर फोकस- अग्रवाल ने कहा कि भारत की भूगर्भिक रचना कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसी है, लेकिन अब तक सिर्फ 25% क्षेत्र में ही खनिजों की खोज हुई है। वेदांता ने अब तक 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं, जो निजी क्षेत्र में सर्वाधिक हैं।

वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की योजनाएं– वित्त वर्ष 2024-25 में वेदांता का राजस्व ₹1,50,725 करोड़ और एबिटा ₹43,541 करोड़ रहा। 87% रिटर्न के साथ वेदांता निफ्टी 100 में शीर्ष वैल्यू जनरेटिंग कंपनियों में रही।हिंदुस्तान जिंक ₹12,000 करोड़ से 2.5 लाख टन का नया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स बना रही है।केयर्न ऑयल एंड गैस ने 7 नए ब्लॉक हासिल किए और अब 3 लाख बैरल प्रतिदिन का उत्पादन लक्ष्य रखा है।एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता को 31 लाख टन तक बढ़ाने और 30 लाख टन के नए ग्रीनफील्ड स्मेल्टर की योजना बनाई गई है।

सामाजिक दायित्व और समावेशिता की दिशा में भी अग्रसरवेदांता 2050 तक नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य लेकर चल रही है।नंद घर योजना के तहत 15 राज्यों में 8,500 से अधिक केंद्र संचालित हो रहे हैं।वेदांता यूनिवर्सिटी की स्थापना की योजना, जो हार्वर्ड जैसी वैश्विक संस्थाओं से प्रेरित होगी।कंपनी में 22% महिलाएं कर्मचारी और 28% नेतृत्व में, लक्ष्य 2030 तक 30% महिला भागीदारी।

चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अंत में कहा– यह सिर्फ व्यापार का विस्तार नहीं बल्कि भारत की आकांक्षाओं को साकार करने की योजना है। वेदांता इसके लिए पूरी तरह तैयार है और यह परिवर्तन भविष्य के औद्योगिक भारत की नींव रखेगा।

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