NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा। जिले की कोरबा जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत आज़गरबहार में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है। यहां पंचायत सरपंच और सचिव ने मिलीभगत कर पुराने सीसी रोड को नया निर्माण बताकर करीब पाँच लाख रुपये से अधिक का भुगतान निकाल लिया गया। यह पूरा प्रकरण पंचायत स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर करता है। ग्रामीणों के अनुसार, 15वें वित्त आयोग की राशि का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से निर्माण कार्य दर्शाया गया है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि जिस सड़क पर भुगतान निकाला गया, उसका निर्माण वर्षों पहले हो चुका है। पंचायत द्वारा तैयार कराए गए दस्तावेजों में उसी पुराने सीसी रोड को नए निर्माण कार्य के रूप में दर्ज कर दिया गया और मनमाने तरीके से बिल पास कर भुगतान निकाल लिया गया। जब इस पूरे मामले में सरपंच से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
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इससे ग्रामीणों के संदेह और गहरे हो गए हैं। वहीं, पंचायत सचिव और जिम्मेदार कर्मचारी भी मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस गड़बड़ी में पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इंजीनियरिंग और विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों की भी सीधी मिलीभगत है। आरोप है कि परसेंटेज तय कर कार्यों का बिल पास किया जाता है और उसके बाद भुगतान निकाल लिया जाता है। यही कारण है कि वास्तविक विकास कार्यों की जगह कागजों पर ही योजनाएं पूरी दिखा दी जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हो रहे इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण पंचायत क्षेत्र में असली विकास कार्य ठप पड़े हैं। न तो सड़क, न ही नाली और न ही अन्य बुनियादी सुविधाओं का काम ठीक से हो रहा है। 15वें वित्त आयोग जैसी योजनाओं का लाभ आम जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो भ्रष्टाचार का यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा और जनता के पैसों का दुरुपयोग होता रहेगा।
15वें वित्त की राशि का दुरुपयोग, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग कोरबा कलेक्टर को इस ओर ध्यान देते हुए भ्रटाचार की जांच करनी चाइये और दोषी लोगो पर कार्यवाही करनी चाहिए ।