NOW HINDUSTAN. Korba. कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डीएमएफ) व मनरेगा से करोड़ों-अरबों रुपये के घोटाला का मामला अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तक पहुँच गया है। पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की ओर से दस्तावेजी साक्ष्य सहित की गई गंभीर शिकायत के बाद केंद्र की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
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राज्य शासन के खनिज संसाधन विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि खनिज न्यास मद व मनरेगा में हुए कथित घोटाले की सीबीआई से जांच कराई जा रही है। इस आदेश के बाद विभागीय गलियारों में खलबली मच गई है।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने 15 मई को आवेदन के माध्यम से कोरबा जिला खनिज संस्थान न्यास मद व मनरेगा में हुए घोटाले की शिकायत की थी। उनका आरोप है कि खनिज न्यास मद (डीएमफ) व मनरेगा की करोड़ों-अरबों की राशि विकास कार्यों के नाम पर कागजों में खर्च दिखा दी गई है। बताया जाता है कि शिकायत में तत्कालीन कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास मद रानू साहू, संजीव झा के सहयोगी रहे नूतन कंवर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा व सचिव, जिला खनिज संस्थान न्यास मद तथा जूली तिर्की, उपसंचालक पंचायत जिला पंचायत पर मिली-भगत के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार राज्य शासन के अवर सचिव मारुवारा चंद्रशेखर द्वारा संचालक भौमिक एवं खनिकर्म विभाग को जारी आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि प्राप्त शिकायतों की तथ्यपरक जांच कर रिपोर्ट शीघ्र मंत्रालय को भेजी जाए। विभागीय पत्र में कहा गया है कि केंद्र से प्राप्त केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई की जाए और दोषियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
खनिज न्यास मद की राशि का उद्देश्य खनिज प्रभावित गांवों का विकास है, लेकिन ननकी राम कंवर के अनुसार यह राशि “अधिकारियों की तिजोरियां भरने में केवल कागजों में खर्च कर दी गई।”
पूर्व गृहमंत्री ने कहा,“खनिज न्यास की राशि जनता के लिए है, न कि फर्जी कामों और भ्रष्टाचारियों के ऐशो-आराम के लिए। अब जांच से सच्चाई सामने आएगी।”
इस आदेश के बाद कोरबा जिले के प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गई है। बताया जा रहा हैं कि जांच के घेरे में और अन्य वरिष्ठ अधिकारी/ठेकेदार/दलाल भी आ सकते हैं। विभागीय स्तर पर भी कई फाइलें अब दोबारा खोली जा रही हैं। अब कोरबा की न्यास मद जांच की हर फाइल सीबीआई के हाथों में है। राज्य में खनिज संसाधनों के नाम पर भ्रष्टाचार की यह कहानी आने वाले दिनों में कई चेहरों को बेनकाब कर सकती है, ऐसी उम्मीदपूर्ण संभावना है।
ननकीराम कंवर ने पूर्व में भी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा में हुए घोटाला, शराब घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला, सीजीएमएससी में हुये दवाई घोटाला, राष्ट्रीय राजमार्ग में हुए मुआवजा घोटाला, कोयला चोरी घोटाला सहित कई घोटालों को उजागर किया है। इनमें बड़ी-बड़ी कार्रवाई भी हुई है जिसमें दर्जनों आईएएस अधिकारी, राज्य प्रशासनिक सेवा में पदस्थ अधिकारी सहित भ्रष्टाचार में सम्मिलित कई सफेदपोश नेता जेल में बंद है और कुछ सशर्त जमानत पर बाहर हैं। इस दृष्टि से ननकीराम कंवर द्वारा की गई इस शिकायत को हल्के में लेना उचित प्रतीत नहीं होता।