NOW HINDUSTAN. Korba. धान खरीदी शुरू होने से पहले सहकारी समितियों के पदाधिकारियों ने फिर ताल ठोक दी है। चार सूत्रीय मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है। मांगों के समर्थन में समिति के कर्मचारियों ने शुक्रवार को जागरुकता रैली निकालकर जिला प्रशासन के जरिए प्रदेश सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
- Advertisement -
छतीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार भट्ट ने बताया कि चार सूत्रीय मांग को लेकर कोरबा में जागरुकता रैली निकालकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। इस रैली में समिति के सभी पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि मांग पूरी नहीं होने पर 28 अक्टूबर को प्रदेशस्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा। तीन नवंबर से 11 नवंबर तक आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो बेमियादी आंदोलन शुरू किया जाएगा। समितियों का कहना है कि धान खरीदी समय पर शुरू हो जाती है। लेकिन मार्कफेड की ओर से धान का उठाव समय पर नहीं किया जाता है। इससे केन्द्रों पर पड़े पड़े धान सूख जाता है। शॉर्टेज की समस्या आती है।
इसकी भरपाई प्रदेश सरकार सहकारी समितियों से करती है। समितियों का कहना है कि धान खरीदी शुरू होने से लेकर खरीदी बंद होने तक सभी केन्द्रों से धान का उठाव कर लिया जाए। इसके बाद अगर किसी केन्द्र में धान पड़ा रहता है तो शार्टेज की भरपाई प्रदेश सरकार स्वयं करें। समितियों से भरपाई नहीं की जाए। इसके अलावा समितियों ने मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर धान खरीदी शुरू होने से पहले छत्तीसगढ़ की समितियों को सालाना तीन-तीन लाख रुपए अनुदान देने की मांग की है। ताकि समितियां धान खरीदी के लिए जरुरी व्यवस्था और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान कर सकें। समितियों ने कम्प्यूटर ऑपरेट को नियमित करने की भी मांग की है।
संघ का कहना है इन मांगों को लेकर पिछले साल भी आंदोलना किया गया था। सरकार ने मांग पूरी करने का वादा किया था। तब आंदोलन स्थगित हो गया था। लेकिन अभी तक सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है। इससे समितियों में नाराजगी है। समितियों ने सरकार से अपना वादा पूरी करने की मांग की है।