बालको सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ वेदांता प्रबंधन की अमानवीय कार्रवाई – संगठन ने की तत्काल हस्तक्षेप की मांग….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba.  कोरबा/बालकोनगर। बालको सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि वेदांता बालको प्रबंधन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारजनों के साथ लगातार अन्यायपूर्ण, अमानवीय और अवैध व्यवहार किया जा रहा है।

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संगठन के अनुसार, कंपनी प्रबंधन ने कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा (बालको चिकित्सालय से मिलने वाली) को बिना किसी विधिक आदेश के बंद कर दिया है, केवल इसलिए कि उन्होंने कंपनी द्वारा आवंटित आवास अभी तक खाली नहीं किया है। साथ ही, कई कर्मचारियों की बकाया राशि, पेंशन और अन्य अंतिम भुगतान भी रोक दिए गए हैं।

संगठन ने आरोप लगाया है कि आवास खाली कराने के नाम पर प्रबंधन द्वारा बिजली, पानी, और शौचालय व्यवस्था बंद कर देने जैसे अमानवीय उपाय किए जा रहे हैं, जिससे वृद्ध कर्मचारियों और उनके परिवारों को असहनीय कष्ट झेलना पड़ रहा है।

बालको सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन ने कहा कि — “वेदांता प्रबंधन की ये कार्रवाइयाँ न केवल श्रम कानूनों का उल्लंघन हैं, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संवैधानिक और मानवीय अधिकारों का भी हनन हैं। यह उत्पीड़नपूर्ण रवैया अस्वीकार्य है, और संगठन इसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा।”

संगठन ने यह भी बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रबंधन के नाम पर भय, दबाव और आतंक का वातावरण बनाया जा रहा है। ऐसे तत्व आवास खाली कराने या अदालत के माध्यम से समाधान करवाने के नाम पर कर्मचारियों से अवैध रूप से धन वसूली कर रहे हैं।

संगठन ने सभी प्रभावित कर्मचारियों से अपील की है कि
वे ऐसे किसी भी व्यक्ति के दबाव या धमकी में न आएं, किसी को कोई धनराशि न दें, और यदि इस तरह की कोई घटना घटित होती है, तो उसकी लिखित शिकायत तत्काल संगठन कार्यालय में दर्ज कराएं।

संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि वेदांता प्रबंधन ने इस अमानवीय और अवैध कार्रवाई को तुरंत नहीं रोका, तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों का संगठन कानूनी और जनांदोलन दोनों स्तरों पर कठोर कार्रवाई करेगा।

संगठन ने अंत में कहा — “बालको की सेवा करने वाले वरिष्ठ कर्मचारी अब भी इस कंपनी की पहचान और सम्मान हैं। उन्हें अपमानित करना, उनकी सुविधाएँ छीनना या उनके साथ दुर्व्यवहार करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। संगठन अपने सभी सदस्यों के अधिकारों और गरिमा की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगा।”

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