जनजाति सुरक्षा मंच संगोष्ठी : बाबा कार्तिक उरांव जी की शताब्दी जयंती समारोह……

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
3 Min Read

जनजातीय समाज के हितों की रक्षा में समर्पित था बाबा जी का जीवन

- Advertisement -

NOW HINDUSTAN. Korba. रायपुर, जनजातीय समाज के राष्ट्र नायक, महान शिक्षाविद और समाज सेवी बाबा कार्तिक उरांव की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा रोहणीपुरम के शबरी कन्या आश्रम में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनजातीय नेता अरविंद नेताम सहित भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड अधिकारी डॉ अरुण उरांव सहित वक्ताओं ने पाने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में बाबा कार्तिक उरांव के जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा के प्रसार और सामाजिक एकता के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा हुई।

समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम ने इस दौरान समाज की संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं और रीति रिवाजों पर बाबा कार्तिक उरांव की सोच से अवगत कराया। unhone ‘डीलिस्टिंग’ जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर भी विचार प्रस्तुत किए। अरविंद नेताम ने कहा कि जनजातीय समाज की अस्मिता और अधिकारों की सुरक्षा के लिए डीलिस्टिंग की मांग अत्यंत आवश्यक है, जिससे आरक्षण एवं विशेष सरकारी सुविधाएँ केवल मूल जनजातीय समाज को मिलें। श्री नेताम ने बाबा कार्तिक उरांव जी के योगदान का भी उल्लेख किया, जिनका जीवन समाज सेवा, शिक्षा और आत्म-सम्मान के लिए समर्पित रहा।उन्होंने बाबा जी के दिखाये रास्ते पर चलकर जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प लेने की भी अपील की।

मुख्य वक्ता के रूप में रांची से आए भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड डॉ. अधिकारी अरुण उरांव ने ‘डीलिस्टिंग’ के सामाजिक, ऐतिहासिक एवं संवैधानिक पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि बाबा कार्तिक उरांव जी ने अत्यंत संघर्षों के बीच अपनी शिक्षा पूरी की और देश-विदेश के प्रमुख संस्थानों से 11 से अधिक डिग्रियां और उपाधियां अर्जित कीं। उनका जीवन और उपलब्धियाँ आज भी जनजातीय समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। और हम सब मिल कर बाबा कार्तिक उरांव जी के अधूरे कार्य (डीलिस्टिंग)को पूर्ण करने का संकल्प करना चाहिए ।
संगोष्ठी में पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. नंदकुमार साय भी उपस्थित रहे। उन्होंने जनजातीय समाज की राष्ट्रीय एकता, अधिकार और सामाजिक जागरूकता के संदर्भ में अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री गोरखनाथ बघेल जी, प्रांत संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच, उरांव समिति ने की।

समारोह में बड़ी संख्या में जनजातीय समाजसेवी, शिक्षाविद्, महिला प्रतिनिधि एवं युवाओं की भागीदारी रही।इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य अधिकार, अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा हेतु जागरूकता फैलाना एवं समाज में संवाद स्थापित करना रहा।

Share this Article