जिले की भूमिगत कोयला खदान बताई जा रही नुकसान में-हो सकती हैं बंद….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN. Korba.  साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड आगामी समय में कोरबा जिले की ऐसी अंडरग्राउंड कोल माइंस को बंद कर सकता है, जिससे फायदा नहीं बल्कि नुकसान हो रहा है। इसे नीतिगत मामला बताया गया है। एसईसीएल के साथ कोल इंडिया की कंपनियों में इस पर काम हो रहा है।
खबर के अनुसार कोयला मंत्रालय ने 147 खदानों को बंद करने की योजना बनाई है। इसके लिए मसौदा तैयार करने मंत्रालय ने 27 अक्टूबर को गाइडलाइन जारी की है। जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने हितधारकों से 30 दिवस के भीतर भूतिगत कोयला खदानां को बंद करने के लिए जारी गाइडलाइन के अनुरूप मसौदा आमंत्रित किया गया है।

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कोयला मंत्रालय द्वारा जारी अधिकृत कार्यालय ज्ञापन के अनुसार कोयला मंत्रालय की 147 खदानों को बंद करने की योजना है। इसके अलावा 150 ऐसी खदानों की भी समीक्षा की जा रही है, जो वर्तमान में लाभहीन बताई जा रही है। लाभहीन खदानों को भी बंद किया जा सकता है। कोयला मंत्रालय द्वारा जारी अधिकृत कार्यालय ज्ञापन में खदान बंद करने के दिशा-निर्देशों का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीके से खदान बंद करना और खनन स्थलों का पुनर्वास सुनिश्चित करना, पर्यावरणीय क्षरण को न्यूनतम करना, जन स्वास्थ्य की सुरक्षा करना तथा भूमि को भविष्य में उपयोग के लिए उपयुक्त स्थिति में लाकर या उसे लगभग प्राकृतिक स्थिति में या उससे भी बेहतर स्थिति में वापस लाकर सतत विकास को बढ़ावा देना है। कोरबा जिले में एसईसीएल पूर्व में भी ऐसी कुछ खदानों को बंद कर चुका है, जहां से उत्पादन न के बराबर था। वहां के मेनपावर में भी छंटनी की गई है।

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