पैसे कमाने ग्रामीण मौत से लगा रहे बाजी, खदान से कोयला निकाल सुरक्षा व्यवस्था को दिखा रहे ठेंगा….

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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 NOW HINDUSTAN कोरबा जिले की खदानों से कोयला चोरी का खेल लाख कसावटो के बावजूद भी धड़ल्ले से हो रहा है । प्रबन्धन की नाकामी के कारण कोयला चोरी की घटना में बढ़ोतरी हो रही है । वहीं कोयला निकलने के फेरे में जान से खिलवाड़ हो रहा है जिसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों की कुम्भकरणीय नीद खुलने का नाम नही ले रहा है ।

गत सप्ताह की घटना में कोयला चोरी करने दीपका खदान में खोदाई के दौरान अचानक मलबा गिरने से 5 लोग दब गए थे ।इस घटना को जिला प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया और खदानों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम एसईसीएल के आला अधिकारियों व चोरो पर लगाम कसने पुलिस को निर्देशित किये गए है।

किन्तु एसईसीएल की सराईपाली परियोजना अंतर्गत बुड़बुड़ में संचालित खुली खदान में जिला प्रशासन के निर्देश का  परिपालन नही हो रहा है । खदान के प्रतिबंधित परिसर के आसपास ग्रामीण महिला, पुरुष एवं किशोर व बच्चे कोयला निकाल कर बिक्री के लिए इकट्ठा कर रहे है। ग्रामीणों का समूह सुबह, दोपहर व शाम को बेधड़क खदान के मिट्टी नुमा ऊंचे टीले के शिखर पर चढ़कर कोयला निकाल नीचे गिराते का काम कर रहे है ।

बोरियों में भरकर 200- 250 रुपए बोरी में बेचते है इन्हें खरीदने वाले लोग ट्रेक्टर, बाईक से क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठों, होटलों- ढाबों व ग्रामीण इलाके के लोग उन तक खपाते आ रहे है। एसईसीएल प्रबंधन द्वारा इस खुली खदान के बाहरी क्षेत्र में मशीन से बड़े गड्ढे भी बनाए गए है, लेकिन ग्रामीण उस गड्ढे के एक जगह को मिट्टी भरे बोरियों से बांधकर उसी से पार हो खदान के मिट्टीनुमा टीले तक कोयला लेने पहुँचते है।

दूसरी ओर कोयला चोरी रोकने त्रिपुरा राइफल के सुरक्षाकर्मी की भी तैनाती है, पर कोयला चोरी रोकने में उनमे कोई दिलचस्पी नजर नही आ रही है तथा खदान के प्रतिबंधित एरिया तक ग्रामीणों का पहुँचना सांठगांठ की ओर इंगित करता है। ऐसे में बुड़बुड़ खदान में पदस्थ अधिकारी व सुरक्षाकर्मी के मूकदर्शक बने रहने से कंपनी को भारी क्षति पहुँच रही है।

इसका अंदाजा बीते माह इस खदान के दो सुरक्षाकर्मी के साथ एक ग्रामीण द्वारा की गई मारपीट की घटना से लगाया जा सकता है। घटना के संबंध में त्रिपुरा राइफल के एक जवान द्वारा पाली थाने में कराई गई शिकायत के अनुसार वह और उसके अन्य सुरक्षाकर्मी साथी ड्यूटी पर तैनात थे कि पास का एक ग्रामीण सायकल लेकर बलपूर्वक खदान के भीतर घुस रहा था।

मना करने पर उसने अश्लील गाली गलौज करते हुए दो सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट की जिससे उन्हें हाथ, पैर, चेहरे पर चोटें आयी है। उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। लेकिन यहां पर एक बात सोचनीय है कि एक निहत्था ग्रामीण दो बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट की घटना को कैसे अंजाम दिया होगा?

बहरहाल जो भी हो लेकिन लोगों का कहना है कि जो अपनी सुरक्षा नही कर सकते वे खदान की क्या सुरक्षा कर पाएंगे। जिस वजह से खदान में चोरी की घटना आम हो गई है

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