शिव महापुराण कथा का चौथा दिन:पंडित पवन त्रिपाठी ने कहा- जिसका मन पवित्र है, वहीं शिव का वास है…

Rajesh Kumar Mishra
Rajesh Kumar Mishra
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NOW HINDUSTAN शिव महापुराण कथा चल रही है। इसके चौथे दिन शनिवार को पवन त्रिपाठी ने कहा कि जिसके मन में छल कपट होता है। वह कभी शिव को प्राप्त नहीं कर सकता। जिसका मन पवित्र है, वहीं शिव का वास होता है। जो मन में मेल रखता है, छल कपट रखता हैं, उसे कभी शिव की प्राप्ति नहीं होती है।

अकथावाचक पंडित पवन त्रिपाठी ने कथा में श्रद्धालुओं को कहा कि वर्षभर भगवान शंकर को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाएं मगर सावन माह में भगवान शिव को दो लोटा जल चढ़ाएं. साथ ही उन्होंने अविवाहित लोगों को विवाह के उपाय़ भी बताए.

यहां होने वाली शिव पुराण की कथा है. पंडित पवन त्रिपाठी अपने मुखारबिंद से कथा सुना रहे हैं. श्रद्धालू आस्था के साथ घंटों बैठकर कथा का आनंद ले रहे हैं, वहीं कथा के बीच होने वाले भजनों पर झूम भी रहे हैं. कथा के चौथे दिन कथा सुनने के लिए घंटों डटे रहे.

शिव पुराण कथा के चौथे दिन सुप्रसिद्ध कथावाचक पवन त्रिपाठी ने कहा कि गाड़ी और वाणी में ब्रेक बहुत जरूरी है, यदि ब्रेक नहीं लगेंगे तो व्यक्ति का जीवन नष्ट हो जाएगा. इसलिए बोलने से पहले ध्यान रखना चाहिए कि हम क्या कह रहे हैं. हमारी वाणी से किसी को ऐसी चोट नहीं लग जाए कि वह अंदर से घायल हो जाए. उन्होंने कहा कि जीभ का घाव जल्दी भर जाता है मगर जीभ से दिया हुआ घाव पूरी जिंदगी नहीं भरता. इसलिए गाड़ी और वाणी दोनों पर नियंत्रण करना आना चाहिए. कथा में पंडित पवन त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया में कितना भी बड़ा पैसे वाला हो वह अपने दुख को बेच नहीं सकता और न ही वह सुख खरीद सकता है. कर्मगति से जो लिखा गया है वह उसको भोगना ही होगा.

शादी नहीं हो रही है तो यह करें उपाय : कथावाचक पवन त्रिपाठी ने कथा में श्रद्धालुओं को कहा कि वर्षभर भगवान शंकर को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाएं मगर सावन माह में भगवान शिव को दो लोटा जल चढ़ाएं. कथा के बीच उन्होंने हमेशा की तरह उपाय भी बताए. कथावाचक ने बताया कि यदि किसी युवक युवती की शादी नहीं हो रही है तो इस उपाय से भगवान शिव की कृपा से कुंवारे युवक-युवतियों की शादी अगले तीन माह में हो जाएगी. उन्होंने उपाय बताते हुए कहा कि शिवलिंग में जलधारी जहां से जल नीचे की ओर गिरता है वहीं से शिवजी को जल चढ़ाते हुए माता अशोक सुंदरी के स्थान से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा सावन में दो लोटे जल लेकर शिवालय जाकर दोनों हाथों में जल के लौटे से जल की एक धार बनाकर शिव को अर्पित करें. उन्होंने यह भी कहा कि यहां शिव की भक्ति के लिए लोग आए हैं यहां शिव पुराण कथा सुनकर शिव को अपने अंतःकरण में उतारने के लिए श्रद्धालु आए है.

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