NOW HINDUSTAN दोनो ही राष्ट्रीय पार्टी ने दुर्ग जिले के जनप्रतिनिधियों पर विश्वास जताया है बाकी के जिलों में नेतृत्व की छमता पर सवाल खड़ा किया है
दुर्ग जिले से लड़ने वाले प्रत्याशी पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग सीटों में अपना नेतृत्व करने के लिए अपना प्रयासरत हैं । और बकायदा चुनाव भी लड़ने जा रहे है । जिसमे
भूपेश बघेल से राजनांदगांव से
सरोज पांडे कोरबा से
देवेंद्र यादव बिलासपुर से
ताम्रध्वज साहू महासुमुंद से
विजय बघेल और राजेंद्र साहू दुर्ग से
जो भी हारे जीते वो अपनी जगह है लेकिन एक सवाल जरूर है की क्या बाकी इन सभी सीटों पर उचित नेतृत्व की छमता वाले स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मौका नहीं मिलना था क्या
इसी चुनाव के लिए सालो साल कार्यकर्ता अपनी दावेदारी का झंडा गाड़ने के लिए ललायित रहते हैं और बाहर से एक अनजान सा व्यक्ति थोप दिया जाता है। ना चाहते हुए भी चुपचाप बाहरी प्रत्याशी के लिए काम करना पड़ रहा है ।
राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों को स्थानीय नेतृत्व को आगे बढ़ाने के लिए सोचना चाहिए और स्थानीय निवासियों को ही मौका मिलना चाहिए था जो जनता के सुख दुख में साथ रहें और आसानी से उपलब्ध रहें ।